Friday 2 October 2015

तसव्वुर




यही ज़मीं है, यही आसमाँ है,
दोज़ख यहीं है, जन्नत यहाँ है..


यही इश्क़ है, यही गिला है,
खामोशी यहीं है, यहीं सदा है..


यही वक़्त है, यही वेकराँ है,
अधूरा यहीं है, तक़मील यहाँ है..


जो कर सको हासिल इसे,
तो यही मुक़म्मल जहाँ है..


#Lakhimpur-Kheri
30th Sept'15

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