Sunday 9 August 2015

मॉनसून




मुझे याद है,
बारिश में खेलते हुए तुम्हें,
उस रोज़ जब हिचकी आई थी,
बेचैन हो उठी थी तुम कैसे,
और मैंने चिढ़ाया था,
"कोई याद कर रहा है तुम्हें"

आज बारिश की बूंदों ने छुआ है,
तो सोचता हूँ तुम्हें बता दूँ,
कि वो एक हिचकी,
जो तुम्हें रोज़ आती है,
वो मेरी गलती है..

#Lakhimpur-Kheri
8th Aug'15


2 comments:

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...